दोस्ततो आप का स्वागत है हमारे इस पेज पर
आखिर हम हर साल मौसम की मार क्यो जेल ते रहे ते है ?क्या आप जानते है की हमारी धरती तापमान बड़ ने की वजह से दिन ब दिन एक भट्टी मे तब्दील हो रही है
यह सवाल हमारे दिमाग में उठता ही रहता है।क्यों हमे हर साल climate change बदलते मौसम की मार जेलनि पड़ती है। इस की वजह से हमे कई दिक्त्तो का सामना करना पड़ता है। जेसे की गर्मी के मौसम में बहुत ज्यादा गर्मी की मार बारिश के मौसम में बाड़ की मार और ठंड के मौसम मे बोहुत ज्यादा ठंड की मार। दुनिया में सब लोग यह मानते है की इंसान को डरना नहीं चाहिए लेकिन आज के समय में यह बात कहना गलत है क्योंकि कभी-कभी डरना बेहद जरूरी होता है जलवायु परिवर्तन के बारे में आप बार-बार सुनते हैं क्यों कि अब यह जलवायु परिवर्तन शायद पूरी दुनिया के लिए एक लाइलाज बीमारी की तरह बनता जा रहा है।
1 ...कल्पना कीजिए कि 60 डिग्री तापमान होने पर क्या होगा?
जलवायु परिवर्तन साल दर साल बढ़ता ही चला जा रहा है आप खाली कल्पना ही कीजिए कि आपके शहर में 60 डिग्री तापमान बाड़ ने लगे तो क्या होगा । यकीन मानिए स्थिति मौत से भी बदतर होगी और दुनिया खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगी। नदिया तालाब सूखने लगेंगे और बड़ी-बड़ी पानी की जिले समय से पहले सुख ने लगेंगे। लोगों को पीने की पानीकी समस्या होने लगेगी। बड़े-बड़े जंगल सुखने लगेंगे और पेड़ पौधे मर ने लगेंगे इस से जंगल में रहने वाले वन्यजीव का भी अंत होने लगेगा। तापमान बढ़ ने की वजह से जंगलों में खुद ब खुद आग लगने का खतरा बढ़ जाएगा। हम जिस शहर में अपने घर में रहते है वाहा हमारा घर से बाहर निकल ना बन्द हो जाएगा क्यों की हमारा शरीर 60 डिग्री तापमान जेल ने के लिए नही बना है। लोगो तक की dehydration कि वजह से मौत हो ने लगेगी स्थिति बद से बद्तर हो जाएगी।
2..जलवायु परिवर्तन क्या है।
हमारी वजह से पृथ्वी पे बढ़ रहे प्रदूषण के करण वातावरण में ग्रीनहाउस गैसो का प्रमाण बढ़ रहा है । यह ग्रीनहाउस गैसेस पृथ्वी कोसंतुलित कर ने का काम करती है। सूर्य से निकलने वाली किरणे जब पृथ्वी के वातावरण में दाखिल होती है तो यह किरणों को ग्रीनहाउस गैसेस शोख लेती है। और यह पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करके यह हमारी पृथ्वी को गर्म रखने का काम करती है। जरूर से ज्यादा ग्रीनहाऊस गेसेस बढने की वजह से हमारे वातावरण में गर्मी बढ़ जाती है और इस से मौसम में बहुत ज्यादा बदलाव होते है।बिन मौसम बारिश और अचानक से आनेवाले तूफान तो कई जगहों पर सुका पड़ना और इसे ही जलवायु परिवर्तन कहते है।
Climate change पर NASA की रिपोर्ट 2014-2023
नासा अमेरिका की एक बहुत बड़ी संस्था है जो अतरिक्ष
और पृथ्वी पर हो रहे बदलाव के ऊपर नजर रखती है। बीते दशक वर्ष 2014 से 2023 तक नासा ने यह बताया है कि यह दशक विश्व में बहुत ज्यादा गर्म रहा है। यह हमारे लिए एक चिंता का एक गंभीर विषय है। नासा ने बताया है कि पृथ्वी का तापमान बीते वर्षों में काफी ज्यादा बढ़ा है। बीते पिछले 10 वर्षों में हिट वेव ने महासागरों को बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित किया है। हमारी पृथ्वी पर नॉर्थपोल आर्कटिक और साउथ पोलअंटार्कटिका पर जो बर्फके ग्लेसियर है उन में काफी तेजी से बर्फ पिगल रही है इस का पानी महासागरों मिल रहा है इस वजह से महासागरों का दायरा बढ़ रहा और समुद्र के तटों पर बसे देशों और शहरों का डूबने का खतरा बढ रहा है।स्विटजरलैंड के पाइन ग्लेशियरों ने पिछले 2 साल के अंदर अपना 10 प्र हिस्सा खो दिया है इसे आसान भाषा में समझे तो ग्लेशियर रिकॉर्ड स्तर पर पिघले हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन है।
नासा ने बताया की पृथ्वी पर तेजी से गर्मी बढ़ रही है ।
दुनिया के लिए बहुत बड़ी वार्निंग है नासा की वर्ल्ड मीटरोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट की अहम बातें बताते हैं पहली बड़ी बात वर्ष 2023 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है।दूसरी बड़ी बात 2014 से 2023 का समय सबसे गर्म दशक के रूप में रिकॉर्ड किया गया है।हम आपको एक तस्वीर दिखाते हैं जो इस बात का सबसे बड़ा सबूत है यह पूरी दुनिया की तस्वीर है जिसमें आपको कई रंग दिखाई दे रहे होंगे इस तस्वीर में आपको सबसे ज्यादा डार्क रेड यानी गहरा लाल रंग दिखाई दे रहा होगा यह वह जगह है जहां पिछले वर्ष यानी जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक सबसे भीषण गर्मी पड़ी इस तस्वीर को देखकर कहा जा सकता है) कि करीब-करीब पूरी दुनिया ने भी भीषण गर्मी का सामना किया है रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में दुनिया भर में जमीन का औसत तापमान 1850 से 1900 के औसत से 1.45 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था जब से मौसम का रिकॉर्ड रखा जा रहा है तब से वर्ष 2023 सबसे ज्यादा गर्म साल रहा है यानी 174 वर्ष के इतिहास में सबसे गर्म साल 1950 के बाद दुनिया भर के प्रमुख ग्लेशियर्स को बर्फ का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है