कृष्ण जन्म उत्सव जन्माष्टमी
भारत में भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। भारत में भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में अर्ध रात्रि को मथुरा नगरी में हुआ था इस दिन कृष्ण भक्त और पूरे भारत में जो भी भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करता है वह पूरे नियम और संयम से भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं
वैसे तो आप जानते ही है कि भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म मथुरा में हुआ था श्री कृष्ण जी भगवान विष्णु जी के अवतार हैं जो तीनों लोग को के पलक हार है। भगवान श्री कृष्ण के माता-पिता वासुदेव और देवकी जी के विवाह के समय मामा कंस जब अपनी बहन देवकी को ससुराल पहचाने जा रहे थे तभी आकाश में भविष्य वाणी हुई थी जिसमें बताया था कि देवकी का आठवां पुत्र कंस का अंत करेगा अर्थात या यह होना पहले से ही निश्चित था इस वजह से इस वजह से मथुरा के राजा कंस ने वासुदेव और देवकी को कारागार में बंद कर दिया था। मगर कृष्ण जी के माता-पिता को कारागार में रखने पर भी कंस कृष्ण जी को नहीं समाप्त कर पाया। कंस के राज्य में मथुरा के बांदीगृह में जन्म के उपरांत चमत्कारिक तरीके से पिता वासुदेव उन्हें एक टोकरी में रखकर जमुना नदी के पार ले जाकर गोकुल गांव में नंदजी और यशोदा मैया के घर पर रखने के लिए जाते हैं। और कृष्णा जी वहां बचपन में बड़े होते हैं और उनका पालन पोषण नंद जी और यशोदा मैया करते हैं।
इस बार 2024 में जन्माष्टमी का मुहूर्त
हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृष्ण जन्मोत्सव की जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है इस दिन को कृष्ण जन्मोत्सव जन्माष्टमी गोकुलाष्टमी तथा श्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है वर्ष 2024 में अगस्त 26 के दिन सोमवार को भगवान श्री कृष्णा जी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा हैइस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त को सुबह के 03.39 पर आरंभ होगी और इसका समापन 27 अगस्त को देर रात 02.19 पर होगा. यानी 26 अगस्त की रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी. इस बार श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 से 12.44 तक होगा. इसी अवधि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और जन्मोत्सव मनाया जाएगा.
इस बार 2024 में जन्माष्टमी का मुहूर्त
हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृष्ण जन्मोत्सव की जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है इस दिन को कृष्ण जन्मोत्सव जन्माष्टमी गोकुलाष्टमी तथा श्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है वर्ष 2024 में अगस्त 26 के दिन सोमवार को भगवान श्री कृष्णा जी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा हैइस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त को सुबह के 03.39 पर आरंभ होगी और इसका समापन 27 अगस्त को देर रात 02.19 पर होगा. यानी 26 अगस्त की रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी. इस बार श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 से 12.44 तक होगा. इसी अवधि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और जन्मोत्सव मनाया जाएगा.
Read more topic: discoverourearth.in
श्री कृष्ण जी का उपवास
इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण जी का उपवास रखा जाता है इस उपवास में दूध और दही वर्जित रहते हैं इस दिन भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है और जन्माष्टमी के दिन रात 12:00 कृष्ण लल्ला को झूला झुलाया जाता है। कृष्ण जी के बाल स्वरूप बाल लाल की मूर्ति को झूले में सजाया जाता है लोगों की आस्था इससे बढ़ती है और मन में सही अच्छे विचार आते हैं।
दही हांडी फोड़ना
इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण जी का उपवास रखा जाता है इस उपवास में दूध और दही वर्जित रहते हैं इस दिन भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है और जन्माष्टमी के दिन रात 12:00 कृष्ण लल्ला को झूला झुलाया जाता है। कृष्ण जी के बाल स्वरूप बाल लाल की मूर्ति को झूले में सजाया जाता है लोगों की आस्था इससे बढ़ती है और मन में सही अच्छे विचार आते हैं।
दही हांडी फोड़ना
भारत के महाराष्ट्र स्टेट में और गोवा स्टेट में जन्माष्टमी त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लोग 5 माले वाले बिल्डिंग के ऊपर रस्सी से दही हांडी बनते हैं और युवा वर्ग की टोली आकर उन्हें फोड़ नेकी कोशिश करते है। और जो लोग की टोली उसमें सफल होती हैं उन्हें बड़े पुरस्कार दिए जाते हैं। इस प्रथा की शुरूआत भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन में बाल स्वरूप में की थी उन्होंने गोपियों की हांडी तोड़ी थी घरों में जाकर चोरी से मक्खन और दही की मटकिया फोड़ी थी और इस प्रथा को लोगों ने अपने भक्ति में शामिल किया और महाराष्ट्र और गोवा में यह त्यौहार को काफी तवज्जो दी जाती है लोग इस त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।